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Showing posts from May, 2017

A person must avoid such mistakes

When one hits a new road, there is a possibility of making a mistake. The first job is a beginning in itself. No wonder some millennials do commit some mistakes on both fronts –career and money. As regular income comes in, there are more chances of slippages. Here are five money mistakes millennials must avoid in their maiden job: Spending too much It is but obvious to go for the best of the gadgets and fine-dining options when one has money. The natural tendency is to spend what you have got. If there is something left, then it is considered saving. However, most of the younger lot find it difficult to fight the temptation of spending. Be it the end of season sale or a Facebook post by a friend, many find a reason to hit the buy button. Going on a spending spree can ruin your finances. Instead of earn-spend-save it makes sense. Put aside at least 30 percent of your salary, and use the rest of the money to spend. “Buying luxuries such as car and gadgets can wait. Instead try to buy

A perfect economy

A country's economy is just like human body,its infrastructure are its legs, army& its police are his hands,media is his mouth,its judiciary system is his stomach,young population is his strength.And i thought all this parts are basic of a economic body. There are very limited countries,who's all parts are working properly,if some country have strong infrastructure they are walking properly.
एक बार,एक'अत्यंत गरीब" महिला,जो "कान्हा" पर,बेइंतिहा "विश्वास"करती थी !!! 🙏अत्यंत ही,विकट स्थिति में आ गई !!!!! 🙏कई दिनों से खाने के लिए,पूरे परिवार को नहीं मिला !!! 🙏एक दिन,उसने रेडियो के माध्यम से,"कान्हा"को,अपना सन्देश भेजा, कि वह उसकी मदद करे !!! 🙏यह प्रसारण,एक"नास्तिक, घमण्डी,और अहंकारी"," उद्योगपति" ने,सुना !!!! 🙏और उसने सोचा कि, क्यों न, इस महिला के साथ, कुछ ऐसा "मजाक"किया जाये,कि उसकी "कृष्ण"के प्रति"आस्था", डगमगा जाये !!!! 🙏उसने,अपने"सेक्रेटरी"को कहा, कि वह,"ढेर सारा खाना"और"महीने भर का राशन",उसके घर पर,देकर आ जाये !!!! 🙏और जब वह महिला पूछे,किसने भेजा है ??? तो,कह देना,कि "शैतान" ने भेजा है !!! 🙏जैसे ही,"महिला"के पास,सामान पंहुचा !!!! पहले तो,उसके" परिवार"ने,तृप्त होकर,भोजन किया !!!! 🙏फिर, वह सारा राशन,"अलमारी" में रखने लगी !!! 🙏जब,"महिला"ने पूछा नहीं कि, यह सब किसने भेजा है ???? 🙏तो,"
सिकंदर उस जल की तलाश में था, जिसे पीने से अमर हो जाते हैं। दुनिया भर को जीतने के जो उसने आयोजन किए, वह अमृत की तलाश के लिए ही थे। काफी दिनों तक देश दुनिया में भटकने के पश्चात आखिरकार सिकंदर ने वह जगह पा ही ली, जहां उसे अमृत की प्राप्ति होती। वह उस गुफा में प्रवेश कर गया, जहां अमृत का झरना था। वह आनंदित हो गया। जन्म-जन्म की आकांक्षा पूरी होने का क्षण आ गया। उसके सामने ही अमृत जल कल-कल करके बह रहा था। वह अंजलि में अमृत को लेकर पीने के लिए झुका ही था कि तभी एक कौआ जो उस गुफा के भीतर बैठा था, जोर से बोला, ‘ठहर, रुक जा, यह भूल मत करना।’ सिकंदर ने कौवे की तरफ देखा। बड़ी दुर्गति की अवस्था में था वह कौआ। पंख झड़ गए थे, पंजे गिर गए थे, अंधा भी हो गया था, बस कंकाल मात्र था। सिकंदर ने कहा, ‘तू रोकने वाला कौन/’ कौवे ने जवाब दिया, ‘मेरी कहानी सुन ले। मैं अमृत की तलाश में था और यह गुफा मुझे भी मिल गई थी। मैंने यह अमृत पी लिया। अब मैं मर नहीं सकता, पर मैं अब मरना चाहता हूं। देख मेरी हालत। अंधा हो गया हूं , पंख झड़ गए हैं, उड़ नहीं सकता। पैर गल गए हैं। एक बार मेरी ओर देख ले फिर मर्जी हो तो अमृत पी ले। दे
माँ माँ संवेदना है, भावना है, अहसास है माँ माँ जीवन के फूलों में खुशबु का वास है माँ माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है माँ माँ मरुथल में नदी या मीठा सा झरना है माँ माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है माँ माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है माँ माँ आखों का सिसकता हुआ किनारा है माँ माँ गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है माँ माँ झुलसते दिनों में कोयल की बोली है माँ माँ मेहंदी है, कुमकुम है, सिंदूर की रोली है माँ माँ कलम है, दवात है, स्याही है माँ माँ परमात्मा की स्वयं एक गवाही है माँ माँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है माँ माँ फूंक से ठंडा किया हुआ कलेवा है माँ माँ अनुष्ठान है, साधना है, जीवन का हवन है माँ माँ जिंदगी है, मुहल्ले में आत्मा का भवन है माँ माँ चूड़ी वाले हााथों पे मजबूत कंधों का नाम है माँ माँ काशी है, काबा है, चारो धाम है माँ माँ चिंता है, याद है, हिचकी है माँ बच्चे की चोट पर सिसकी है माँ चूल्हा, धुआँ, रोटी और हाथों का छाला है माँ माँ जिंदगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है माँ माँ पृथ्वी है, जगत है, धूरी है मां बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है
लड्डू गोपाल को कैसे रखे l आपके घर मे लड्डू गोपाल जी है तो आप इस बातो का विशेष ध्यान रखे……* 1 :- प्रथम तो यह बात मन में बैठाना बहुत आवश्यक है कि जिस भी घर में लड्डू गोपाल जी का प्रवेश हो जाता है वह घर लड्डू गोपाल जी का हो जाता है, इसलिए मेरा घर का भाव मन से समाप्त होना चाहिए अब वह लड्डू गोपाल जी का घर है। 2 :- दूसरी विशेष बात यह कि लड्डू गोपाल जी अब आपके परिवार के सदस्य है, सत्य तो यह है कि अब आपका परिवार लड्डू गोपाल जी का परिवार है। अतः लड्डू गोपाल जी को परिवार के एक सम्मानित सदस्य का स्थान प्रदान किया जाए। 3 :- परिवार के सदस्य की आवश्यक्ताओं के अनुसार ही लड्डू गोपाल जी की हर एक आवश्यकता का ध्यान रखा जाए। 4 :- एक विशेष बात यह कि लड्डू गोपाल जी किसी विशेष ताम झाम के नहीं आपके प्रेम और आपके भाव के भूखे हैं, अतः उनको जितना प्रेम जितना भाव अर्पित किया जाता है वह उतने आपके अपने होते हैं। 5 :- प्रति दिन प्रातः लड्डू जी को स्नान अवश्य कराएं, किन्तु स्नान कराने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जिस प्रकार घर का कोई सदस्य सर्दी में गर्म पानी व गर्मी में ठन्डे पानी से स्नान करता है, उसी